TCS Layoffs Protest- भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक Tata Consultancy Services (TCS) इन दिनों विवादों में है। यूनियन ऑफ आईटी एंड आईटीईएस एम्प्लॉइज (UNITE) ने दावा किया है कि कंपनी लगभग 30,000 कर्मचारियों की नौकरी काट सकती है। इसके खिलाफ मंगलवार को देशभर के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए।
कंपनी का जवाब: केवल 2% कर्मचारियों पर असर
हालांकि, TCS ने यूनियन के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। कंपनी का कहना है कि यह जानकारी “गलत और भ्रामक” है और वास्तविक छंटनी केवल वैश्विक वर्कफोर्स के 2% तक सीमित है। इसका मतलब है कि करीब 12,000 कर्मचारियों पर इसका असर पड़ेगा।
यूनियन की चेतावनी: सरकार करे हस्तक्षेप
यूनियन ने कहा है कि यह मामला सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहेगा। अगर सरकार और प्रबंधन ने दखल नहीं दिया तो इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाया जाएगा। यूनियन का आरोप है कि कंपनी ने अनुभवी और कुशल कर्मचारियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया है, जिससे टीमों में अस्थिरता पैदा हो रही है।
TCS Layoffs Protest: Siruseri कैंपस में समस्याओं के आरोप
कुछ कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि TCS के Siruseri कैंपस में स्किल अपग्रेडेशन टूल्स तक उचित पहुंच नहीं दी जा रही। हालांकि, ये दावे अभी तक आधिकारिक रूप से सत्यापित नहीं हुए हैं।
TCS का भविष्य पर फोकस
TCS का कहना है कि यह कदम कंपनी की भविष्य की तैयारी और बिज़नेस री-स्ट्रक्चरिंग का हिस्सा है। प्रभावित कर्मचारियों को उचित सेवरेंस पैकेज दिया जाएगा। कंपनी ने यह भी दोहराया कि छंटनी का पैमाना बहुत सीमित रहेगा और अधिकांश कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित है।