IIT कानपुर ने किया कमाल; सेना के बंकर, टैंक, जहाज हो जाएंगे गायब

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IIT कानपुर ने एक ऐसा मेटा मटेरियल तैयार किया है जो पाक और चीन के लिए अबूझ पहेली से कम नहीं है. यह मटेरियल दुश्मन के रडार को आसानी से धोखा दे सकता है, जिससे भारतीय सेना के ठिकानों का पता लगाना असंभव हो जाएगा. यह विशेष मेटा मटेरियल सेना के बंकर और टेंट को दुश्मनों की नजरों से ओझल कर देगा जिससे रडार पर उनकी स्थिति छिपी रहेगी. सैनिक इस पोशाक को पहनकर मिस्टर इंडिया की तरह गायब हो जाएंगे, जिससे उनकी मौजूदगी का पता लगाना मुश्किल हो जाएगा. यह खास मटेरियल भारतीय सेना के लिए रामबाण माना जा रहा है.

IIT कानपुर द्वारा यह खास तकनीक तैयार की गई है. IIT कानपुर ने सेना के लिए ‘एनालक्ष्य’ नामक मेटा मटेरियल तैयार किया है, जो दुश्मन सेना के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा. यह मेटा मटेरियल रडार को भ्रमित कर भारतीय सेना के ठिकानों को अदृश्य बनाएगा

रंग लाई IIT कानपुर की मेहनत

एनालक्ष्य’ नामक मेटा मटेरियल तैयार करने में IIT कानपुर की कई साल की मेहनत शामिल है. इसे मुख्य रूप से आईआईटी कानपुर के 3 वरिष्ठ प्रोफेसर कुमार वैभव श्रीवास्तव, प्रो. एस अनंत रामा कृष्णा, और प्रो. के रामकुमार ने तैयार किया है. इसके प्रयोग और लॉन्चिंग में एयर इंडिया के सेंट्रल कमांडर समेत सेना के कई अधिकारी शामिल थे. उम्मीद है कि जल्द ही एनालक्ष्य को बड़े पैमाने पर सेना में इस्तेमाल किया जा सकता है.

IIT कानपुर
IIT कानपुर

जहाज, टैंकर, जवान सब हो जाएंगे गायब

भारतीय सेवा के लिए एनालक्ष्य किसी वरदान से कम नहीं होगा. क्योंकि जिस प्रकार से सेना की गतिविधियां होती हैं वह बेहद गोपनीय होती हैं और इस तकनीक की मदद से भारतीय सेवा अपने एयरक्राफ्ट, टैंक, जवान सबको छुपा सकती है. एनालक्ष्य के प्रयोग से भारतीय सेना के ठिकानों को खोजना नामुमकिन तो नहीं लेकिन बहुत कठिन हो जाएगा, जिससे सेना सुरक्षित रहकर अपनी गतिविधियां जारी रख सकेगी. यह मटेरियल भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ाएगा, जिससे देश की सीमा सुरक्षा और अभेद्य हो जाएगी.

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दुश्मन का राडार हो जाएगा बेकार

आईआईटी कानपुर के प्रो. कुमार वैभव ने बताया कि यह भारतीय सेना के लिए मील का पत्थर साबित होगी. इसकी मदद से सेना और उससे जुड़ी चीज दुश्मनों की नजर से ओझल हो जाएगी. यह विशेष मेटा मटेरियल सेना के बंकर और टेंट को कवर करेगा, जिससे रडार पर उनकी स्थिति छिपी रहेगी. इसके अलावा इसका इस्तेमाल सैनिकों की पोशाक में भी किया जाएगा, जिससे उनकी मौजूदगी का पता लगाना मुश्किल हो जाएगा.ऐसे में यह तकनीक भारतीय सेवा के साथ देश के लिए भी काफी अच्छी और उपयोगी साबित होगी.

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