क्या आपने Gensol Engineering Ltd. का नाम सुना है? कभी ₹2400 के आस-पास ट्रेड करने वाला ये शेयर आज सिर्फ ₹46 पर आ चुका है। जी हां, पूरे 2025 में करीब 95% की गिरावट! एक समय की चमकती EPC कंपनी अब भारी संकट में है। लेकिन अब इसने अपने पुराने EV फ्लीट को लीज पर देने का नया रास्ता अपनाया है। सवाल ये उठता है—क्या ये वाकई कोई हल है, या सिर्फ समय काटने की कोशिश?
आखिर Gensol की हालत इतनी खराब क्यों हुई?
कंपनी की मुश्किलें तब बढ़ीं जब SEBI ने अप्रैल 2025 में Gensol और इसके प्रमोटर्स—अनमोल और पुनीत जग्गी—पर बड़ी कार्रवाई की। आरोप थे फंड डायवर्जन और कॉरपोरेट गवर्नेंस में भारी लापरवाही के।
बताया गया कि Gensol ने IREDA और PFC से ₹978 करोड़ का लोन लिया था, जिसमें ₹663.9 करोड़ इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद के लिए था। लेकिन असल में सिर्फ ₹567.7 करोड़ ही EV पर खर्च किए गए। बाकी के ₹262 करोड़ का कोई स्पष्ट हिसाब नहीं मिला।
NCLT ने कंपनी और प्रमोटर्स से जुड़े 34 बैंक खातों को फ्रीज़ कर दिया और शेयर ट्रेडिंग पर भी रोक लगा दी। ऐसे में Gensol के लिए बिजनेस चलाना और फंड जुटाना बेहद मुश्किल हो गया।
EV फ्लीट को लीज पर देने की योजना क्या है?
अब संकट के इस दौर में Gensol ने दिल्ली-NCR और बेंगलुरु में अपनी 4,000 पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लीज पर देने के लिए बोली आमंत्रित की है। ये वही गाड़ियाँ हैं जो पहले BluSmart Mobility को दी गई थीं। लेकिन BluSmart के कामकाज में ठहराव आने के बाद ये गाड़ियाँ अब बेकार पड़ी हैं।
Gensol अब चाहती है कि Uber Electric, Evera Cabs, Everest Fleet जैसे EV ऑपरेटर्स इन्हें लीज पर लें। कंपनी गाड़ियों को मासिक लीज रेंट और कम डाउन पेमेंट पर देने को तैयार है।
हालांकि इसमें एक ट्विस्ट भी है—गाड़ियों की बैटरी और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी Gensol की होगी। यानी लीज ऑपरेटर तभी आगे आएंगे जब गाड़ियों की स्थिति संतोषजनक हो।
शेयर में गिरावट और निवेशकों की चिंता
Gensol के शेयर ने 2025 में लगभग 92–95% तक की गिरावट दर्ज की, जिससे निवेशकों में खलबली मच गई। एक समय जो शेयर मल्टीबैगर की तरह भाग रहा था, अब अपने निवेशकों को भारी नुकसान दे चुका है।
इस गिरावट के पीछे मुख्य वजह है—नियामकीय दबाव और कंपनी की पारदर्शिता में कमी। SEBI, NCLT और MCA जैसी संस्थाएं Gensol की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं।
क्या EV लीज मॉडल से वापसी संभव है?
Gensol की यह योजना, जहां वह EV फ्लीट को लीज पर दे रही है, एक सुधारात्मक कदम है—लेकिन यह कोई स्थायी हल नहीं है। कंपनी की आर्थिक हालत, CIRP प्रक्रिया (Corporate Insolvency Resolution Process) में शामिल होने के बाद और भी नाजुक हो चुकी है।
EV ऑपरेटरों को इसमें अवसर तो दिख सकता है, लेकिन उन्हें गाड़ियों की तकनीकी स्थिति, बैटरी परफॉर्मेंस और Gensol की सर्विस क्षमता को लेकर स्पष्टता जरूरी है।
निवेशकों के लिए क्या सबक?
अगर आप Gensol Engineering में निवेश करने की सोच रहे हैं या इसके EV लीज मॉडल में दिलचस्पी है, तो ये बात ज़रूर समझिए:
- कंपनी की मौजूदा स्थिति गंभीर है।
- SEBI और NCLT की निगरानी अभी जारी है।
- फ्लीट मॉडल तभी टिकेगा जब गाड़ियों की क्वालिटी ठीक हो और ऑपरेटर भरोसा कर सकें।
निष्कर्ष: धैर्य, समझदारी और सतर्कता जरूरी
Gensol की कहानी हमें एक बड़ी सीख देती है—शेयर मार्केट में चमकना आसान है, लेकिन टिके रहना कठिन। अगर आप किसी कंपनी में निवेश कर रहे हैं, तो सिर्फ शेयर प्राइस नहीं, उसकी कॉरपोरेट गवर्नेंस, फाइनेंशियल ट्रैक रिकॉर्ड और नियामकीय इतिहास पर भी ध्यान देना जरूरी है।
EV सेक्टर में भारत की ग्रोथ को देखते हुए Gensol के पास फिर से उठने का मौका तो है, लेकिन वो रास्ता लंबा और मुश्किल है।
इसलिए निवेश से पहले सोचें, समझें और विशेषज्ञों की सलाह ज़रूर लें।