अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक रिश्तों में तनाव का असर भारतीय शेयर बाजार पर साफ दिखने लगा है। अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर टैरिफ दोगुना करने के फैसले के बाद शुक्रवार को शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। निवेशक इस खबर के बाद सतर्क हो गए हैं और विदेशी निवेशकों की बिकवाली तेज हो गई है।
अमेरिकी प्रशासन ने यह निर्णय अपने घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए लिया है, लेकिन इसके नतीजे भारत जैसे उभरते बाजारों पर गंभीर हो सकते हैं। ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल और स्टील निर्यात पर बढ़ा हुआ शुल्क भारतीय कंपनियों के मुनाफे को प्रभावित कर सकता है।
अमेरिकी टैरिफ से झटका
पिछले कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते मजबूत हुए थे, लेकिन यह फैसला एक नए तनाव की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत के निर्यात पर सीधा असर पड़ेगा और आने वाले महीनों में आर्थिक विकास दर भी प्रभावित हो सकती है।
वित्तीय विशेषज्ञ कहते हैं कि यह समय निवेशकों के लिए सावधानी बरतने का है। अल्पकालिक गिरावट के बावजूद, लंबी अवधि में भारत के पास घरेलू मांग और उत्पादन क्षमता के कारण रिकवरी की संभावना बनी हुई है।
अमेरिकी टैरिफ का झटका भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार दोनों के लिए एक चेतावनी है। सरकार को जल्द ही इस मुद्दे पर कूटनीतिक पहल करनी होगी ताकि निर्यातकों को राहत मिल सके।