सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश ने देशभर में एक बड़ी बहस छेड़ दी है। अदालत ने सभी stray dogs को हटाने का निर्देश दिया है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर heated debate देखने को मिल रही है।
आदेश का उद्देश्य
अदालत का कहना है कि बढ़ते आवारा कुत्तों के हमलों और नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। कई शहरों में dog bite cases और सड़कों पर झुंड में घूमते कुत्तों की घटनाएं बढ़ रही थीं, जिनसे लोगों में डर का माहौल है।
समर्थन में तर्क
जो लोग इस आदेश का समर्थन कर रहे हैं, उनका मानना है कि:
सड़कों पर बढ़ती कुत्तों की संख्या यातायात और सुरक्षा दोनों के लिए खतरा है। बच्चों और बुजुर्गों पर हमलों के मामलों में कमी आएगी। स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर सुधार होगा।
विरोध में आवाज़ें
वहीं, animal rights activists और कई आम लोग इस आदेश के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि:
यह कदम अमानवीय है और कुत्तों के right to live का उल्लंघन करता है। सरकार को हटाने के बजाय नसबंदी (sterilization) और वैक्सीनेशन कार्यक्रम को तेज़ करना चाहिए। कुत्तों को शेल्टर होम्स में रखना और उनके लिए पुनर्वास नीति बनाना बेहतर विकल्प होगा।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर इस मुद्दे को लेकर दो गुट बन गए हैं। एक तरफ लोग इसे ज़रूरी सुरक्षा उपाय बता रहे हैं, तो दूसरी तरफ लोग इसे क्रूर और गैर-जरूरी कदम मान रहे हैं। #SaveStrayDogs और #PublicSafetyFirst जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
आगे की राह
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में सरकार और नगर निगम किस तरह के कदम उठाते हैं। क्या सभी कुत्तों को हटाना संभव है, या इसके लिए कोई संतुलित नीति बनाई जाएगी — यही अब अगला बड़ा सवाल है।