ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाई से उपजा भारत-पाक तनाव

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22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद भारत ने आतंक के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर व्यापक सैन्य कार्रवाई की। इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकी ढांचों को ध्वस्त किया, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।


पहलगाम हमला: अमानवीय बर्बरता का चेहरा

22 अप्रैल को अनंतनाग जिले के बैसरन घाटी में पांच heavily armed आतंकवादियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाया। हमलावरों ने पहले पीड़ितों को इस्लामी कलिमा पढ़ने को मजबूर किया, और जो इसमें असमर्थ रहे, उन्हें निर्ममता से मौत के घाट उतार दिया गया। इस वीभत्स हमले में 25 हिंदू पर्यटक और एक स्थानीय मुस्लिम पोनी चालक मारा गया। आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने पहले हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।


ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के विरुद्ध भारत का प्रतिशोध

भारतीय वायुसेना और विशेष बलों ने पाकिस्तान के बहावलपुर, मुरिदके, सियालकोट तथा PoK के लांडीकोट, चकोठी और नीलम घाटी में स्थित आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत लक्षित हवाई और मिसाइल हमले किए। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की कमान और नियंत्रण केंद्र, हथियार भंडार और प्रशिक्षण शिविर इस हमले में ध्वस्त किए गए।

भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर “सटीक, सीमित और गैर-उत्तेजक” थी, जिसका उद्देश्य केवल आतंकी ढांचे को नष्ट करना था — पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना नहीं बनाया गया।


पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: युद्ध की चेतावनी

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर को “युद्ध का कृत्य” बताया और कहा कि पाकिस्तान उचित समय और स्थान पर जवाब देगा। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उसने पांच भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया, हालांकि भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है। इस हमले में पाकिस्तान ने 26 नागरिकों की मौत और 46 के घायल होने की बात कही है।


कूटनीतिक हलचल और सुरक्षा उपाय

भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी कूटनीतिक संवाद स्थगित कर दिए हैं। इंद्रा जल संधि को एकतरफा निलंबित किया गया, सीमाओं को सील कर दिया गया और पाकिस्तानी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया गया। देश के कई हिस्सों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है और सभी केंद्रीय एजेंसियों को उच्चतम स्तर की सतर्कता बरतने को कहा गया है।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: संयम की अपील

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, अमेरिका और चीन सहित कई वैश्विक शक्तियों ने दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की अपील की है। वैश्विक समुदाय को आशंका है कि अगर हालात पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो यह क्षेत्रीय युद्ध में तब्दील हो सकता है।


ऑपरेशन सिंदूर, भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक नीति को दर्शाता है। यह कार्रवाई दर्शाती है कि भारत अब आतंकी हमलों पर प्रतीक्षात्मक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि त्वरित और सटीक जवाब देने की रणनीति पर चल रहा है। हालांकि, इसके परिणामस्वरूप दक्षिण एशिया एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़ा नजर आ रहा है, और आने वाले दिनों में कूटनीतिक प्रयासों की परीक्षा होगी।

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