प्रयागराज कुंभ मेले में मौनी अमावस्या के दौरान हुई भगदड़ में कुशीनगर की 40 वर्षीय बसंती देवी की मौत हो गई। रामकोला थाना क्षेत्र के बगहा बुजुर्ग की रहने वाली बसंती देवी 28 तारीख को अपने मायके पडरौना से बस पकड़कर प्रयाग के लिए निकली थीं।
कुंभ मेले में पहुंचने के कुछ ही समय बाद भगदड़ में बसंती देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। अगली सुबह जब बहन ने फोन किया, तो एक पुलिसकर्मी ने बताया कि बसंती देवी अचेत अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं। बहन के अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि इलाज के दौरान शुक्रवार को उनकी मृत्यु हो गई।

मृतका के पति बीरबल गुप्ता सूरत में दिहाड़ी मजदूर हैं। दंपति के कोई संतान नहीं थी। प्रशासन से कोई मदद न मिलने पर ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर शव को गांव लाने की व्यवस्था की। एंबुलेंस वालों ने 30,000 रुपये की मांग की, लेकिन विनती करने पर 22,000 रुपये में शव को 31 तारीख की देर शाम को कुशीनगर लाया गया।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और शनिवार को पति ने अंतिम संस्कार किया। मृतका की बहन ने कुंभ मेले में सुविधाओं की कमी की शिकायत की और बताया कि किस तरह हाथ जोड़कर एंबुलेंस का किराया कम करवाना पड़ा।