IAS Ashok Khemka की रिटायरमेंट के कुछ ही महीने बचे हैं. इसी बीच एक बार फिर उनका तबादला किया गया है, जिसके कारण वह चर्चा में हैं. अब तक 33 साल की आईएएस की नौकरी में अशोक खेमका का 57 बार अलग अलग विभागों व पदों पर ट्रांसफर हो चुका है. संभवत: वह दूसरे ऐसे आईएएस अधिकारी होंगे, जिनका तबादला हर छह महीने पर होता रहा है.
कौन हैं आईएएस अशोक खेमका?
अशोक खेमका ने भले ही प्रशासनिक सेवा में 33 साल हरियाणा में गुजारे हों, लेकिन वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. हरियाणा सरकार की वेबसाइट web1.hry.nic.in/civillist पर दी गई जानकारी के मुताबिक खेमका कोलकाता के रहने वाले हैं. उनका जन्म 30 अप्रैल 1965 को हुआ था, लिहाजा 30 अप्रैल 2015 को वह अपने जीवन के पचास साल पूरे कर चुके हैं. इस वेबसाइट पर उनकी रिटायरमेंट की तारीख 30 अप्रैल 2025 बताई गई है यानि कि अशोक खेमका अगले साल 2025 के अप्रैल महीने में भारतीय प्रशासनिक सेवा से रिटायर हो जाएंगे.
IAS Ashok Khemka पास हैं कई डिग्रियां
अशोक खेमका के बारे में कई मीडिया रिपोर्टस में बताया गया है कि उनका जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था. उनके पिता शंकरलाल खेमका एक जूट मिल में क्लर्क का काम करते थे. खेमका की पढ़ाई लिखाई आम युवाओं की तरह ही हुई, लेकिन ग्रेजुएशन में उनका दाखिला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर में हो गया. जहां से उन्होंने कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (B.Tech)किया.
इसके बाद उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई से कंप्यूटर साइंस में डॉक्टरेट (Ph.D.) की डिग्री भी की. यही नही खेमका ने इसी बीच बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनेंस में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA)भी किया. इसके अलावा उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) से अर्थशास्त्र में मास्टर ऑफ आर्ट्स (MA) की डिग्री भी हासिल की.
अशोक खेमका ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा (Civil Services Exam) वर्ष 1990 में पास की और इस तरह वर्ष 1991 बैच के आईएएस अधिकारी बने. उन्हें हरियाणा कैडर अलॉट किया गया. अशोक खेमका ने ईमानदारी और काम के दम पर अपनी पहचान बना ली, जिसके बाद उनकी गिनती तेज तर्रार आईएएस अफसरों में होने लगी. उन्होंने कई विभागों में काम किया.
लड़ी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लम्बी लड़ाई
वर्ष 2012 में अशोक खेमका उस समय सुर्खियों में आए थे. जब उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े एक जमीन के सौदे के म्यूटेशन को रद्द कर दिया था. इसके बाद वर्ष 2014 में जब वह परिवहन आयुक्त थे, तब उन्होंने बड़े वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था. जिसको लेकर ट्रक चालकों की हड़ताल भी हुई. पिछले साल खेमका एक बार फिर उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सतर्कता विभाग में तैनाती की मांग की थी. उन्होंने यह भी लिखा था कि वह सेवा के अंत में भ्रष्टाचार के खिलाफ असली लड़ाई लड़ना चाहते हैं.
अब फिर हो गया उनका तबादला
अशोक खेमका का एक बार फिर ट्रांसफर हुआ है, जिसके कारण वह चर्चा में हैं. अशोक खेमका को 10 साल बाद फिर परिवहन विभाग में भेजा गया है. रिटायरमेंट से पांच महीने पहले उन्हें हरियाणा परिवहन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस)बनाया गया है. वह अभी तक प्रिटिंग व स्टेशनरी विभाग में तैनात थे. अशोक खेमका का यह 57वां ट्रांसफर है.