रक्षाबंधन के दिन कई महिलाएं अपने भाइयों के घर जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रही थीं, लेकिन ट्रेनें रद्द होने से उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा। कर्वी निवासी सविता श्रीवास्तव, ममता मिश्रा, और राजेश्वरी गुप्ता ने बताया कि वे भाई के घर जाने के लिए निकली थीं, लेकिन ट्रेनें रद्द होने के कारण उन्हें बसों से यात्रा करनी पड़ी।
शनिवार को रक्षाबंधन के मौके पर चित्रकूट के पास भीमसेन रेलवे स्टेशन के समीप साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे कानपुर-चित्रकूट रूट की चार प्रमुख ट्रेनें रद्द कर दी गईं। इस घटनाक्रम से यात्रियों को भारी संकट का सामना करना पड़ा है.
दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर कर्वी स्टेशन से कानपुर की ओर जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया। इसके अलावा, कानपुर से चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस, मानिकपुर तक चलने वाली मेमो ट्रेन, और मानिकपुर से कानपुर जाने वाली ट्रेनें भी रद्द की गईं। इस कारण यात्रियों को स्टेशन पर भटकना पड़ा और बसों का सहारा लेना पड़ा।
चित्रकूट धाम रेलवे स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक सुरेश कुमार ने बताया कि ट्रेनें रद्द होने की सूचना सूचना पट और माइक के माध्यम से दी गई। यात्रियों की परेशानी को देखते हुए उन्हें वैकल्पिक मार्ग की सलाह दी गई और मानिकपुर स्टेशन से दूसरे रूट पर जाने का सुझाव दिया गया। पूछताछ केंद्र पर दो कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
यात्रियों को इंतजार का सामना
ट्रेनें रद्द होने से कई यात्री चित्रकूट स्टेशन पर फंसे रहे, जिनके टिकट आगे के सफर के लिए कटे थे। बांदा जिले के महुआ गांव के दयाराम सविता ने बताया कि उसने प्रयागराज से इंटरसिटी एक्सप्रेस का टिकट बांदा तक लिया था, लेकिन ट्रेन चित्रकूट पर ही रुक गई और आगे के सफर के लिए न तो विकल्प मिला और न ही टिकट की राशि वापस की गई। इसी तरह, बांदा के विसंडा निवासी रामकेश ने भी प्रयागराज से अतर्रा तक का टिकट कटवाया था, लेकिन उसकी यात्रा भी रद्द हो गई।
रामकेश ने रेलवे की व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई और कहा कि परिवहन विभाग में एक खराब बस का विकल्प तुरंत मिल जाता है, लेकिन रेलवे ने ऐसा कोई विकल्प प्रदान नहीं किया। इस स्थिति ने यात्रियों की परेशानी को और बढ़ा दिया है, और रेलवे प्रशासन को ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।