रायबरेली-जौनपुर हाईवे पर सलोन कस्बे से कुछ दूर स्थित टोल टैक्स के दाईं ओर नुरुद्दीनपुर गांव के प्रधानपति भूपेंद्र सिंह का आशियाना बना हुआ है। मंगलवार दोपहर प्रधानपति घर के सामने कुर्सी पर बैठकर दो लोगों से बातचीत कर रहे थे। फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के मामले में गांव का नाम चर्चा में आने पर वे नाराज दिखे। बताया कि मेरे गांव में ही 10 हजार से ज्यादा जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए हैं। जीशान मिले तो उसे सबक सिखाऊं। मैंने तो जीशान को कभी सलोन में देखा भी नहीं। वह तो लखनऊ में रहता था।
अमर उजाला के अनुसार नुरुद्दीनपुर व सलोन कस्बे के रहने वाले लोगों का भी कमोवेश यही कहना है। दरअसल, सलोन तहसील क्षेत्र में 20 हजार फर्जी जन्म प्रमाणपत्र का मामला उजागर होने पर जन सुविधा केंद्र संचालक जीशान, वीडीओ विजय सिंह यादव समेत चार आरोपियों को जेल भेजा गया है। इस प्रकरण का आतंकी कनेक्शन सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है।
घड़ी की सुई दोपहर के 12 बजा रही थी। सलोन कस्बे से 10 किमी. दूर रायबरेली-जौनपुर हाईवे के किनारे बाई ओर नुरुद्दीनपुर गांव को जाने वाली रोड दिखती है। यह वही गांव है, जो इन दिनों फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले को लेकर सिर्फ यूपी नहीं, बल्कि इसकी चर्चा पूरे देश में सुर्खियां बटोर रहा है। गांव के अंदर जाते ही लोगों से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र और मुख्य आरोपी जीशान के बारे में जानकारी ली गई तो वहां पर मौजूद लोग कुछ भी बोलने से कतराने लगे।
इसी दौरान वहां पर मौजूद एक व्यक्ति ने कहा कि जीशान तो लखनऊ में ज्यादातर रहता था। उसका नाबालिग भांजा ही जन सुविधा केंद्र का संचालन करता था। उसके पिता तो यही कह रहे थे कि उसका बेटा जीशान लखनऊ में रहकर आईएएस की तैयारी कर रहा है। हम लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि जीशान इतना बड़ा शातिर निकलेगा। मंगलवार को नुरुद्दीनपुर गांव पहुंचकर लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने इस प्रकरण पर अपनी बात रखी।