डलमऊ उप निबंधन कार्यालय इस समय फर्जी कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है। बिना सैलरी बिना मानदेय के उपनिबंधन कार्यालय में कई कर्मचारी काम करते हैं। जिम्मेदारों की मिलीभगत से उप निबंधन कार्यालय में बड़ा खेल खेला जाता है.
सूत्रों की माने तो फर्जी खतौनी, फर्जी बैनमा से लोगों की जमीनों को बेचने में भी ये कर्मचारी शामिल रहते हैं। शासन का सख्त आदेश है कि कोई भी फर्जी कर्मचारी सरकारी दफ्तर में कार्य नहीं करेगा लेकिन अधिकारी इस बात को मानने को तैयार ही नहीं है अधिकारियों के चहेते बन जाते हैं फर्जी कर्मचारी.
मामला डलमऊ तहसील परिसर के अंदर बने उप निबंधन कार्यालय का है जहां पर एक कर्मचारी जिनका नाम संजय श्रीवास्तव बताया जा रहा है वह कई वर्षों से कार्य कर रहा है ना उसके पास कोई पद है फिर भी सरकारी दफ्तर में काम करने की तस्वीर वायरल हो रही है.
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आखिर क्या वजह है जो शासन से दिशा निर्देश आने के बावजूद भी रजिस्टर साहब यह मानने को तैयार नहीं की कोई भी फर्जी कर्मचारी कार्य नहीं करेगा लेकिन फिर भी उप निबंधन कार्यालय में फर्जी कर्मचारी कार्य करते देखा गया है वही जब उप निबंधन कार्यालय के रजिस्टर से बात की गई तो पहले तो गोलमोल जवाब दिया है फिर बताया कि संजय श्रीवास्तव काम नही करते थे लेकिन अब काम नहीं करते हैं.
यह जो तस्वीर देख रहे हैं यह तस्वीर काम करने की है किस तरह से झूठ बोलने में भी माहिर हैं उप निबंधन कार्यालय के रजिस्टर साहब. अब देखना यह होगा की खबर दिखाये जाने के बाद उच्च अधिकारी ऐसे फर्जी कर्मचारी पर क्या कार्यवाही करते हैं