आगरा में कई डिजिटल अरेस्ट और साइबर ठगी के मामले सामने आए. लेकिन जितने भी मामले डिजिटल के अरेस्ट के हुए उसमें ठगो ने सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी महिलाओं को ही निशाना बनाया है. जैसे एक महिला स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल तो दूसरी फेमिना मिस इंडिया वेस्ट बंगाल. दोनों ही मामलों में महिलाओं को डिजिटल अरेस्ट किया गया और लाखों की ठगी की गई.
अब पुलिस की जांच में सामने आया कि ठग सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी महिलाओं और लड़कियों को निशाना बना रहे है. इसके बाद अब आगरा में महिलाओं और लड़कियों को डिजिटल अरेस्ट और साइबर ठगी से बचाने के एसीपी वूमेन क्राइम ने कमान संभाली है.
आगरा पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड के आदेश पर अब महिलाओं और लड़कियों की बचाव के लिए नए तरीके से काम किया जाएगा. जिम्मेदारी एसीओ वूमेन क्राइम सुकन्या शर्मा को दी है. सुकन्या शर्मा खुद अपनी टीम के साथ महिलाओं और लड़कियों से संपर्क करेंगी, और उनको जागरूक करेंगी.
अभी तक आगरा में तीन महिलाओं को डिजिटल अरेस्ट किया जा चुका हैं. जिसमें एक महिला की तो मौत भी हो गई. तीनों ही महिलाएं पढ़ी लिखी थीं. इससे यह साफ जाहिर होता है कि साइबर ठग सबसे ज्यादा महिलाओं को अपना शिकार बना रहे है. मालती देवी शाहगंज क्षेत्र की रहने वाली थीं. वह एक स्कूल की रिटायर्ड प्रिंसिपल थीं. ठगों ने उनको डिजिटल अरेस्ट करते हुए लाखों रुपए की डिमांड की, लेकिन सदमे से मालती देवी की मौत हो गई.
दूसरा मामला फेमिना मिस इंडिया वेस्ट बंगाल रही शिवांकिता दीक्षित का है. ठगों ने उनको डरा धमका कर 99 हजार रुपए तक ठग लिए. शिवांकिता को मानव तस्करी और मनी लांड्रिंग के मामले में फंसाने की धमकी दी. तीसरा मामला आगरा की एक और महिला का है. महिला का आरोप है कि उसको भी डरा धमका कर डिजिटल अरेस्ट किया, पैसे मांगे लेकिन उन्होंने पैसे नहीं दिए.
साइबर ठगी का आसान शिकार होती हैं महिलाएं
डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनीं तीनों महिलाएं पढ़ी लिखी और स्मार्ट फोन चलाती थीं. ठगों की मालूम था कि महिला जल्दी झांसे में आती है. पढ़ी लिखी महिला ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करना जानती है, इसलिए यह शातिर इनको निशाना बनाते थे. हालांकि महिलाओं के साथ लगातार हो रही डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड की घटनाओं के बाद अब पुलिस आयुक्त ने नए अभियान की शुरुआत की है.
अब महिला एसीपी खुद अपनी टीम के साथ शहर और देहात की महिलाओं को जागरूक करती दिखाई देंगी. साथ ही छात्राओं को भी जागरूक करने के लिए स्कूल कॉलेज में भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.