आजमगढ़ से बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सोमवार को वाराणसी में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को सीधी चुनौती दी। कहा कि “अखिलेश यादव इस बार आजमगढ़ से खुद चुनाव लड़ लें…उनको असलियत पता चल जाएगी। हम उनको खुली चुनौती देते हैं कि वे फिर से आजमगढ़ में चुनाव लड़ें, वे पहले भी यहां से इलेक्शन लड़ चुके हैं।
लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि अब जनता उनसे दूर जा चुकी है।” निरहुआ ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर भी हमला किया और कहा “यूपी में कांग्रेस की कोई जमीन नहीं है।” बीजेपी सांसद ने स्वामी प्रसाद मौर्य को स्वार्थी नेता करार दिया।
अखिलेश यादव पर कहा कि “अगर वे खुद को यादवों का सबसे बड़ा नेता मानते हैं तो उन्हें इंडी एलायंस के साथ नहीं भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहिए था। देश का विकास, यादवों का विकास भाजपा के साथ है। अखिलेश यादव ने इंडी गठबंधन से जुड़कर यादवों का भविष्य अंधकारमय कर दिया है।
सभी जानते हैं कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। केवल आजमगढ़ ही नहीं पूरे प्रदेश और देश में भापजाप ने इतना काम कराया है कि पूरा भारत ही भाजपा मय हो गया है। इसका परिणाम लोकसभा चुनाव 2024 में सामने आएगा।”
बीजेपी सांसद ने कहा “प्रदेश और देश में भाजपा ही यादवों की हितैषी है। अखिलेश यादव ने तो यादवों का भविष्य अंधकार में डालने का काम किया है। अगर वे खुद को यादवों का असली मानते हैं तो उन्हें यादवों के लिए काम करना चाहिए था। वे समाज के प्रति सच्चे होते तो उनके हितों के बारे में सोचते लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब यादव समाज एनडीए के साथ है। अगर अखिलेश यादव समाज का हित चाहते हैं तो पीएम मोदी के साथ आएं। वह इंडिया एलायंस में क्यों जा रहे हैं?”
निरहुआ ने कहा कि “आम जनता ने अखिलेश यादव को मौका तो दिया था लेकिन वे आजमगढ़ छोड़कर चले गए। अगर आप बीते दो-तीन वर्षों की बात करें तो आजमगढ़ में इतना विकास हुआ है, जितना कई दशकों में नहीं हुआ था। यही कारण है कि अब जनता उसी विकास पर वोट देगी।”
स्वामी प्रसाद मौर्य के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में बीजेपी सांसद निरहुआ ने कहा कि “स्वामी प्रसाद मौर्य निजी स्वार्थ की वजह से गठबंधन बनाते हैं। जैसे ही उनका मतलब पूरा हो जाता है या फिर काम बनता नहीं दिखता, तो वे गठबंधन तोड़ देते हैं। अब उन्होंने अपनी पार्टी बनाई है।”