लखीमपुर खीरी में बाघ के हमलों के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। वन विभाग द्वारा बाघ को पकड़ने के लिए की गई सभी तैयारियां अब तक निरर्थक साबित हो रही हैं। बाघ की तस्वीरें केवल कैमरों के माध्यम से ही सामने आई हैं। फुटेज में बाघ चक मार्ग पर खड़ा नजर आता है, जबकि पिंजरे में बंधी बकरी सुरक्षित है। बाघ की दहशत के कारण ग्रामीणों ने रात-रात भर जागकर खुद अपनी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी है। वे मशालें जलाकर पहरेदारी कर रहे हैं और दहशत के साए में जी रहे हैं, चिंतित हैं कि बाघ का अगला शिकार कौन होगा।
विभाग की ओर से किए गए प्रयासों में 24 कैमरे, चार पिंजरे और अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कांबिंग शामिल है, लेकिन बाघ अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। बाघ के आतंक के कारण इमलिया गांव के लोग रातभर जागकर गश्त कर रहे हैं। एक महीने में बाघ ने चार लोगों की जान ले ली है। वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए ड्रोन, कैमरे और पिंजड़े लगाए हैं, लेकिन बाघ पकड़ने में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। ट्रेशिंग के लिए लगाए गए कैमरों में बाघ की गतिविधियां कैद हुई हैं, लेकिन उसे पकड़ना मुश्किल हो रहा है।
बाघ को ढूंढने के लिए ड्रोन कैमरे भी लगाए गए हैं।
मंगलवार की शाम, बाघ ने हैदराबाद थाना क्षेत्र के इमलिया गांव के निवासी अमरेश को हमला कर मार डाला। इस घटना से भड़के ग्रामीणों ने बुधवार को तीन घंटे तक हंगामा किया। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए वन विभाग ने तुरंत कार्रवाई की। वन मंत्री अरुण सक्सेना ने भी बाघ के हमले की घटना की विभागीय समीक्षा की और बाघ को पकड़ने के सख्त निर्देश दिए। बाघ की तलाश के लिए दो ड्रोन, 24 कैमरे और छह पिंजड़े लगाए गए हैं। इसके साथ ही, एक्सपर्ट टीमों की मदद भी ली जा रही है। बावजूद इसके, बाघ की पकड़ में अभी तक सफलता नहीं मिली है। वन विभाग की टीम अब भी बाघ की तलाश में जुटी हुई है और उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकल सके।