कानपुर में रिटायर सैन्य अधिकारी से 1.78 करोड़ की ठगी और पूरे देश में 20 करोड़ की ठगी को अंजाम देने वाले शातिरों ने खातों की खरीद फरोख्त की थी। साइबर थाना पुलिस की जांच में इसका खुलासा हो गया है। जिन आठ खातों में सैन्य अधिकारी से ठगी गई रकम भेजी गई थी
जांच में यह भी पता चला है कि 8वीं पास शातिर रोहित सोनी और उसके साथियों ने अकाउंट खरीदे थे। साइबर पुलिस ने शातिर की रोहित सोनी की फेसबुक प्रोफाइल भी चेक की है। जिसके जरिए पता चला कि रोहित सोनी का एक नाम रिंकी भी है। फेसबुक प्रोफाइल पर 8 अक्टूबर को रोहित सोनी ने एक वीडियो भी भोपाल से पोस्ट किया था।
रिटायर सैन्य अधिकारी विनोद कुमार से ठगी गई 1.78 करोड़ की रकम फेडरल बैंक आरएन मुखर्जी रोड कोलकाता में झा एंटरप्राइजेज, एसबीआई बैंक एलबी नगर सिकंदराबाद के अपोलो एंटरप्राइजेज, एक्सिस बैंक आदिपुर गांधी धाम गुजरात में अग्रवाल रोडलाइन, कोटक महिन्द्रा बैंक संग्राम नगर महाराष्ट्र में सागर फ्रूट कम्पनी, जना स्मॉल फाइनेंस बैंक उड़ना दरवाजा सूरत में स्पार्कल एंटरप्राइजेज, एक्सिस बैंक थोपुमपेड्डी कोच्ची केरल में केक बॉस प्राइवेट लिमिटेड, कोआपरेटिव बैंक सेन्ट्रल बाजार रोड नागपुर में धनश्री ट्रेडर्स कॉसमॉस। वहीं आठवां खाता पीएनबी बैंक का है। यह खाता कहां से और कैसे संचालित हो रहा है इसका पता पुलिस लगाने में जुटी है।
दैनिक भास्कर के मुताबिक खुलासे से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न खोलने की शर्त पर बताया कि जिन खातों में पैसा मंगाया गया है उनकी डीलिंग होती है। वह खाते या तो खरीदे जाते हैं या फिर किराए पर लिए जाते हैं। इस मामले में दो बैंक कर्मचारी भी पकड़े गए हैं। कुछ खातों की तो जानकारी मिली है। मगर कुछ खातों को लेकर संशय बरकरार है कि इन्हें कहीं फेक आईडी की मदद से तो नहीं खोला गया है। इन सभी बिन्दुओं पर जांच की जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि जो अपने खाते उपलब्ध कराते हैं। वो या तो इसके लिए एक मुश्त रकम लेते हैं या फिर महीने भर के लिए किराए की रकम सेट कर लेते हैं। कुछ ऐसे लोग भी है जो हर ट्रांजैक्शन अपना शेयर लेते हैं।
इस गिरोह में सबसे शातिर 8वीं फेल रोहित सोनी ने अपने फेसबुक अकाउंट में एक वीडियो बीती 8 अक्तूबर को पोस्ट किया था। जिसमें वह एक युवती के साथ मौजूद है। इसमें उसने मैसेज लिखा कि तुम अगर सोचते हो कि मैं बुरा हूं। तो तुम गलत सोचते हो। मैं बहुत बुरा हूं। इस वीडियो में वह युवती के साथ हंसी मजाक करते नजर आ रहा है।
डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव कहते हैं- इस गिरोह की जड़ें बहुत गहरी हैं। इसके 5 लोग अब तक जेल जा चुके हैं। जिन खातों में पैसा गया है। उनके लोगों की भी तलाश की जा रही है। उनकी गिरफ्तारी के साथ बहुत सारे सवालों के जवाब सामने आ जाएंगे। खातों की खरीद फरोख्त या फिर फेक आईडी के जरिए उन्हें खोला गया है कि नहीं इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।