रायबरेली जिले के सरकारी अस्पतालों में ठंड से बचाने के बंदोबस्त नाकाफी, ठंड में रात काट रहे मरीज

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जिले के सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ठंड से बचाने के बंदोबस्त नाकाफी हैं। अस्पतालों में कहीं खिड़कियों के शीशे टूटे तो कहीं मरीजों को ओढ़ने के लिए कंबल तक नहीं दिए जा रहे हैं।

एक साल में रोगियों को सुविधा मुहैया कराने के लिए 90 लाख रुपये से अधिक का बजट खर्च कर दिया गया, लेकिन सुविधाएं देने के नाम पर खानापूरी हुई।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी बजट को खर्च करने तक सिमटकर रह गए हैं। यहां तक कि ठंड बढ़ने के बाद भी गोदामों से कंबलों को बाहर नहीं निकला गया है। सीएचसी में बनाए गए डेंगू वार्ड में लगी मच्छरदानियां तक गायब हो चुकी हैं। मरीजों को सामान्य तरीके से गंदी चादरों वाले बेडों पर लिटाया जा रहा है।

जिला अस्पताल के वार्डों में भर्ती मरीजों को ठंड से बचने के लिए घरों से कंबल लाने पड़ रहे हैं। वार्डों को अब तक कंबल मुहैया नहीं कराए गए हैं। सीएमओ डॉ. नवीन चंद्रा का कहना कि सभी सीएचसी अधीक्षकों को मरीजों को ठंड से बचाने के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं

बछरावां-सीएचसी को फर्स्ट रेफरर यूनिट (एफआरयू) का दर्जा मिला है। रोगी कल्याण समिति के माध्यम से मरीजों को सुविधाएं देने के लिए लाखों रुपये मिले, लेकिन मनमानी की पोल ठंड शुरू होते ही खुल गई। वार्डों में खिड़कियों के शीशे टूटे हैं। चादरें गंदी हैं। मरीजों को रात में ओढ़ने के लिए कंबल नहीं मिल रहे हैं। ठंड में मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। अधीक्षक भी मरीजों की सुविधाओं को लेकर संजीदा नहीं हैं।

सीएचसी ऊंचाहार को भी एफआरयू का दर्जा मिला है, लेकिन इस अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं भी अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई हैं। मरीजों को ओढ़ने के लिए घर से चादरें लानी पड़ रही हैं। अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार है। ठंड में मरीजों को शासन से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। बजट को खर्च करने के बाद भी रोगियों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।


जिला महिला और पुरुष अस्पताल की दशा बदहाल है। वार्डों में मरीजों को ठंड से बचने के लिए कंबल तक नहीं दिया जा रहा है। मरीजों को अपने घरों से लाकर ठंड में रात गुजारनी पड़ रही है। जिला अस्पताल के सभी वार्डों में यह हाल देखा जा सकता है। मरीजों के मांगने पर स्टाफ नर्स यह कहकर टरका रही हैं कि डिमांड की गई है, अभी कंबल नहीं मिले हैं।

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ प्रदीप अग्रवाल ने बताया है की अस्पताल के वार्डों में कंबलों की व्यवस्था करा दी गई है। स्टाफ नर्सों को भर्ती मरीजों को कंबल मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। वार्डों की खिड़कियों को भी दुरुस्त कराया गया है। सीएचसी-पीएचसी के बारे में व्यवस्थाएं सीएमओ के स्तर से कराई जानी है।

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