योगी सरकार ने यूपी को 2028 तक वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने का टारगेट रखा है। अभी यूपी की अर्थव्यवस्था 310 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। टारगेट पूरा करने के लिए इसे 3 गुना से ज्यादा बढ़ाना होगा, लेकिन चुनौतियां कम नहीं हैं।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार प्रति व्यक्ति आय और प्रदेश में लगातार कर्ज बढ़ रहा है। प्रदेश पर 2024-25 में 8.16 लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति कर्ज 31 हजार रुपए से ज्यादा है। हर आम आदमी पर मायावती सरकार की तुलना में ढाई गुना और अखिलेश सरकार से दो गुना कर्ज बढ़ा है। हालांकि, पिछले 13 साल में प्रति व्यक्ति आय भी ढाई गुना बढ़ी है।
पढ़िए यूपी की आर्थिक सेहत की स्थिति, वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए क्या चुनौतियां हैं?
यूपी के ये आंकड़े 2023-2024 के हैं।
अखिलेश सरकार की तुलना में दो गुना हुआ कर्ज
बीते 13 साल में यूपी में प्रति व्यक्ति कर्ज ढाई गुना से अधिक बढ़ गया है। मायावती सरकार में प्रति व्यक्ति पर 12 हजार 226 रुपए कर्ज था, जो अब बढ़कर 31 हजार 147 रुपए हो गया है। सपा की अखिलेश सरकार में यह कर्ज 16 हजार 973 रुपए था।
प्रति व्यक्ति आय में 6 राज्यों से पीछे हैं यूपी वाले
प्रति व्यक्ति आय के लिहाज से भी यूपी देश के 6 राज्यों से पीछे है। तेलंगाना 3.47 लाख रुपए प्रति व्यक्ति आय के साथ पहले पायदान पर है। गुजरात 2.72 लाख रुपए के साथ 5वें और महाराष्ट्र 2.52 लाख रुपए के साथ छठे पायदान पर है।
बीते 13 साल में प्रति व्यक्ति आय ढाई गुना से अधिक बढ़ी है, लेकिन अभी भी हम मुकाबले में पीछे हैं। हालांकि, मायावती सरकार की तुलना में दो गुना प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है। बसपा सरकार (2011-12) में प्रति व्यक्ति आय 41 हजार 142 रुपए थी। समाजवादी पार्टी के शासन में 2016-17 में प्रति व्यक्ति आय 50 हजार 203 रुपए थी। योगी सरकार (2023-24) में प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 94 हजार 514 रुपए हो गई है।
अखिलेश सरकार की तुलना में दो गुना हो गई यूपी की जीएसडीपी
योगी सरकार के साढ़े 7 साल के कार्यकाल में यूपी का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में करीब दो गुना बढ़ी है। समाजवादी पार्टी के शासन में 2016-17 में यूपी की GSDP 12 लाख 75 हजार 141 करोड़ रुपए थी। यह 2023-24 में बढ़कर 23 लाख 61 हजार 462 करोड़ रुपए हो गई है। 2024-25 में GSDP 24 लाख 99 हजार 76 करोड़ होने का अनुमान है।
GSDP के मामले में हमसे आगे सिर्फ महाराष्ट्र और गुजरात हैं। महाराष्ट्र की GSDP (2023-24) में 38 लाख 79 हजार 792 करोड़ रुपए है। इसके 2024-25 में 42 लाख 67 हजार 771 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। वहीं, गुजरात की GSDP 2023-24 में 25.63 लाख करोड़ रुपए रही, 2024-25 में 27.90 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
1- सभी सेक्टर्स को 3 हिस्सों में बांटा
प्राइमरी सेक्टर में कृषि, उद्यानिकी को शामिल किया गया है। सेकंड्री सेक्टर में कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट और तीसरे सेक्टर में सूचना एवं प्रौद्योगिकी, पर्यटन, परिवहन को रखा गया है।
अर्थशास्त्री मानते हैं कि यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के लिए GSDP की वार्षिक वृद्धि दर 25 फीसदी से ज्यादा रखनी होगी। इतनी ज्यादा वृद्धि दर के लिए निवेश, व्यापार, निर्यात, कृषि, ढांचागत विकास के साथ रोजगार को बढ़ावा देना होगा।
2- तीन स्तरीय निगरानी की जाएगी
वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए 3 स्तरीय निगरानी की व्यवस्था है। योजना विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में कमेटी ऑफ एक्सपर्ट बनी है। इसमें सीएम के आर्थिक सलाहकार केबी राजू, प्रशासनिक सलाहकार अवनीश अवस्थी, डिलायट के अधिकारी शामिल हैं।
दूसरे स्तर पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी बनी है। इसमें सभी संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव शामिल हैं। इसकी बैठक 3 महीने के अंतराल पर होती है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से भी इसकी लगातार निगरानी की जाती है। सीएम योगी आदित्यनाथ 6 महीने के अंतराल पर प्रगति की समीक्षा करते हैं।
यह है चुनौती
डिलायट के सूत्रों के मुताबिक, वन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
- यूपी में 2027-28 तक 105 से 120 लाख करोड़ रुपए का निवेश जरूरी होगा।
- निवेशकों के लिए 2026-27 तक 2 लाख एकड़ भूमि उपलब्ध कराना होगा।
- जमीन का भाव लगातार बढ़ना चाहिए।
- कृषि की पैदावार को बढ़ाना होगा।
- प्रदेश के MSME के साथ बड़े औद्योगिक उत्पादों का निर्यात बढ़ाना होगा।
- जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में आ रहा बदलाव भी बड़ी चुनौती है।
अब पढ़िए एक्सपर्ट क्या कहते हैं…
23-24 फीसदी ग्रोथ हर साल चाहिए, जो वर्तमान में नहीं है
लखनऊ यूनिवर्सिटी की अर्थशास्त्र की प्रोफेसर रोली मिश्रा कहती हैं- यह टारगेट बहुत बड़ा है, लेकिन असंभव नहीं। इस टारगेट को पूरा करने के लिए अर्थव्यवस्था में 23-24 फीसदी ग्रोथ हर साल होना जरूरी है। यह वर्तमान में दिख नहीं रही है। सबसे महत्वपूर्ण है, कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की जरूरत है।
हमारी अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। कृषि की स्थिति को सुधारे बिना जीडीपी में हमारी भागीदारी कम रहेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार निवेश को लाने पर ध्यान दे रहे हैं। कृषि और उद्योग एक-दूसरे के पूरक हैं।
लक्ष्य के करीब पहुंच जाएंगे
लखनऊ यूनिवर्सिटी के ही अर्थशास्त्र के प्रोफेसर एमके अग्रवाल कहते हैं- यूपी की अर्थव्यवस्था अब 32 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच रही है। इसमें कोई दो राय नहीं कि वन ट्रिलियन का टारगेट बड़ा है। महाकुंभ से भी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हम बहुत आगे बढ़ गए हैं। यूपी में बड़ी संख्या में बीपीएल के दायरे से परिवार बाहर आए हैं। ऐसे परिवारों ने अब नया मध्यम वर्ग बनाया है। यह नया मिडिल क्लास भी ग्रोथ को बढ़ाने में मदद करेगा। यूपी में कानून व्यवस्था अब कोई समस्या नहीं रह गई है, इसलिए निवेशक भी आ रहे हैं। जेवर एयरपोर्ट का फायदा भी मिलेगा।
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