दुर्गापूजा के बाद प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर दो दिन तक यातायात व्यवस्था बदली; भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक

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रायबरेली में दुर्गापूजा के बाद प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर दो दिन तक यातायात व्यवस्था बदली रहेगी। 12 और 13 अक्तूबर को अयोध्या, सुल्तानपुर, कानपुर व फतेहपुर की ओर से आने वाले बड़े वाहनों के प्रवेश पर शहर में रोक रहेगी। रोडवेज बसों के साथ आवश्यक सेवा वाले वाहनों को ही प्रवेश मिलेगा। यह रूट डायवर्जन शनिवार तड़के से लागू हो जाएगा। प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।

हर साल की तरह दुर्गापूजा के बाद प्रतिमाओं का भू-विसर्जन रायबरेली-कानपुर रोड पर सई नदी के किनारे राजघाट में कराने के लिए तैयारियां की गई हैं। इसके चलते शहर में दो दिन भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।

भारी वाहनों को त्रिपुला, रतापुर, सिविल लाइन, बरगद चौराहा व सई नदी ओवरब्रिज की ओर से शहर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सुल्तानपुर की ओर से आने वाले बड़े वाहन बरवारी के पास रोके जाएंगे। मोहनगंज, जगदीशपुर व अमेठी की ओर से आने वाले वाहनों को पावरग्रिड अमावां के पास रोक दिया जाएगा।

प्रतिमा विसर्जन के दौरान शासन के निर्देश पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के प्रवेश को शहर के साथ नदी के तटों के पास तक प्रतिबंधित कर दिया गया है। किसी भी विसर्जन यात्रा में ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग नहीं होगा। असल में पूर्व में हुईं घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। इसके साथ ही विसर्जन के दौरान प्रमुख चौराहों, लिंक रोड और नदियों के तट के पास भारी पुलिस बल तैनात किया जा रहा है। एएसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सीओ अमित सिंह ने बताया कि महराजगंज की ओर से आने वाले बड़े वाहनों को त्रिपुला से पहले महराजगंज रोड पर रोका जाएगा। लालगंज की ओर से राजघाट आने वाले भारी वाहनों को ढकिया चौराहा से गुरुबख्शगंज की ओर मोड़ दिया जाएगा।

रोडवेज बसों व आवश्यक सेवाओं वाले वाहनों को परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तित कराकर निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। रूट डायवर्जन का शत-प्रतिशत अनुपालन कराने के आदेश दिए गए हैं। यातायात नियमों व आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर कार्रवाई होगी।

सई नदी स्थित राजघाट पर मां दुर्गा की प्रतिमाओं के भू-विसर्जन के लिए शुक्रवार को दिनभर तैयारियां चलीं। इसके लिए कई गड्ढे सई नदी के किनारे खोदे गए हैं। बैरिकेडिंग का काम भी दिनभर चला। जिले भर में करीब 2500 प्रतिमाओं का जगह-जगह भू-विसर्जन किया जाएगा। राजघाट के अलावा गोकना, डलमऊ व रालपुर आदि स्थानों पर भी प्रतिमाओं का भू-विसर्जन होगा। इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।

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