गर्मी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही बदलते मौसम में लोग बुखार और डायरिया के चपेट में आने लगे हैं। डायरिया से पीड़ित जिला अस्पताल में भर्ती कराई गईं दो वृद्ध महिलाओं ने दम तोड़ दिया।
शुक्रवार को 13 मरीजों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर, जिला अस्पताल की ओपीडी में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। शुक्रवार को 12 बजे के बजाय दो बजे तक ओपीडी चली।
सदर क्षेत्र के चकाहाबुद्दीनपुर की शिवपती (80) पत्नी छोटेलाल को डायरिया के चपेट में आने के बाद बृहस्पतिवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार सुबह उनकी मौत हो गई। इसके अलावा रेनीखुर्द की माधुरी (78) पत्नी भवानी को भी डायरिया से पीड़ित होने पर जिला अस्पताल लाया गया। इलाज के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया।
शुक्रवार को डायरिया व बुखार के चपेट में आने के बाद प्रदीप (21), विंदादेवी (67), रोहित (20), सुशील (55), मुकेश (48), उमानाथ (35), नियाकत (45), विजयलक्ष्मी (39), अनय (1), सुनीता (35), बोधा (70), फातिमा (5), रामदीन (79) को जिला अस्पताल में भर्ती करके इलाज शुरू किया गया है। शुक्रवार को अवकाश होने के कारण ओपीडी 12 बजे तक होनी थी, लेकिन मरीजों की भीड़ अधिक होने के कारण दोपहर दो बजे तक चिकित्सक ओपीडी में मरीजों को चिकित्सीय सलाह देते रहे। 1,300 से अधिक मरीज ओपीडी में इलाज कराने के लिए पहुंचे।
डायरिया के लक्षण
जीवाणुओं और वायरस के संक्रमण के चलते डायरिया होता है। प्रदूषित खाद्य व पेय पदार्थ व बासी भोजन के प्रयोग से डायरिया का ज्यादा खतरा रहता है। खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से न धोने से भी डायरिया का खतरा रहता है। दस्त का कई बार होना, मल में रक्त के कतरे या म्यूकस भी आ सकते हैं। उल्टी भी आ सकती है। पेट में मरोड़ या दर्द होना, दस्त होने के बाद पेट दर्द में कुछ समय के लिए राहत महसूस होती है। तेज बुखार होना, कभी-कभी सिरदर्द होना और हाथ व पैरों में दर्द होना आदि डायरिया के लक्षण हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
शिशुओं और छोटे बच्चों को अगर मां स्तनपान कराए तो डायरिया से काफी हद तक बचाव हो सकता है। वॉशरूम के इस्तेमाल के बाद जीवाणुनाशक साबुन से हाथ धोएं। पानी और खाद्य पदार्थों को स्वच्छ रखें। खाद्य पदार्थों को खाने से पहले व शौच जाने के बाद अच्छी तरह से साबुन से हाथ साफ करें। पीने वाले पानी को उबालें और उसे ठंडा कर पिएं।
बिना पके खाद्य पदार्थों, कटे और खुले फलों से परहेज करें। सब्जियां लेने के बाद इन्हें घर में अच्छी तरह से धोएं। नारियल पानी पीना लाभप्रद है। हर दस्त के बाद रोगी को एक गिलास पानी पीना चाहिए। एक लीटर पानी में ओआरएस मिलाएं और इसे रोगी को पीने के लिए दें।
डायरिया का खतरा बढ़ा
मौसम में बदलाव आ गया है। ऐसे में डायरिया का खतरा बढ़ गया है। थोड़ी सी भी समस्या होने पर चिकित्सीय सलाह लें। जिला अस्पताल में इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था है।
डॉ. महेंद्र मौर्या, सीएमएस, जिला अस्पताल