सलोन चेयरमैन चंद्रशेखर रस्तोगी के मानिकपुर रोड़ स्थित शेखर ट्रैक्टर के कार्यालय से जुड़ा हुआ है बीती 3 फरवरी को सलोन के तहसील दिवस में गुलाब चंद्र पुत्र बुध्दू लाल निवासी अत्ता नगर ने सलोन चेयरमैन चंद्रशेखर रस्तोगी के विरुद्ध एक शिकायती पत्र डीएम को सौंपा था जिसमें लिखा था की मैं अपने इन्वर्टर का बकाया पैसा जब मांगने चेयरमैन चंद्रशेखर रस्तोगी के यहां गया तो मुझे सलोन के चेयरमैन चंद्रशेखर रस्तोगी ने जूतों से मारा है और कहा की जब मिस्त्री कहेगा तभी पैसा वापस करूंगा।
शिकायती पत्र दिये लगभग दस दिन से ऊपर बीत चुके हैं लेकिन आश्चर्य तो तब हुआ जब न्याय इंसाफ की बातें करने वाले थानेदार श्याम पाल ने तहसील दिवस में दिए गए शिकायती पत्र की जानकारी न होने की बात कही इतना ही नहीं इस मामले पर एसपी साहब ने भी व्यस्तता का हवाला दिया अब ऐसे में एक बार तो स्पष्ट है की पुलिस प्रशासन बीजेपी के दबाव में मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। जिले में भाजपा का दामन लगातार दागदार हो रहा है. भाजपा नेताओं के सामने जिला प्रशासन के बड़े किरदार नतमस्तक है।
इससे पूर्व फजीर्वाड़े के मामले में चैयरमैन चंद्रशेखर रस्तोगी पर जिला प्रशासन ने की थी कार्यवाही
भ्रष्टाचार व फर्जी जाति प्रमाण पत्र देकर धोखाधड़ी जैसे आरोपों से घिरे सलोन नगर पंचायत के चेयरमैन चंद्रशेखर रस्तोगी के कारनामों से लगातार पंचायत प्रशासन शर्मसार हो रहा है। लेकिन भाजपाई चोला ओढने के बाद तो चेयरमैन चंद्रशेखर रस्तोगी ने गुंडई और दबंगई का खुला परिचय भी पेश करना शुरू कर दिया है। जिससे चुनावी मौसम में बीजेपी को भी थू थू जिले में हो रही है।
अपने फजीवाड़े में जिला प्रशासन के सामने घुटने टेकने के बाद जब चंद्रशेखर रस्तोगी को कोई रास्ता नहीं दिखा तो उन्होंने भाजपा का दामन थामा सत्ताधारी पार्टी का सहारा लेकर अपने फजीवाड़े को दबाने और जिला प्रशासन को मुट्ठी से अपनी गर्दन छुड़ाने की जुगत में जुटे नगर पंचायत अध्यक्ष को जैसे ही थोड़ी सी राहत मिली अध्यक्ष जी ने अपनी नकली जनसेवा का प्रमाण भी पेश कर दिया। चुनाव में जिस जनता के पैरो में अध्यक्ष जी ने माथा टेका उसी जनता को जीत के बाद सत्ता का सहारा मिलते ही रस्तोगी जी अब जूतों के नीचे कुचलने का काम कर रहे है।