सूत्रों के मुताबिक इसमें आतंकी ट्रैनिंग ले चुके अल्ताफ का कहना है कि उसका 14 साल की उम्र में आतंकियों ने अपहरण कर पाकिस्तान आतंकी ले गए थे। मुजफ्फराबाद में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कैंप में आतंकी ट्रेनिंग दी गई। कैंप खत्म होने के बाद भारत नहीं लौट पाया, तो पाकिस्तान में ही एक चाय की दुकान खोल कर घर बसा लिया।
यूपी में हिजबुल मुजाहिदीन और आईएसआई की रामनवमी पर माहौल खराब करने की योजना था। यह खुलासा पिछले दिनों पकड़े गए हिजबुल मुजाहिदीन और आईएसआई से जुड़े तीनों आतंकियों ने अपनी पूछताछ में दी।
एटीएस की टीम इनसे बुधवार तक इनको पाकिस्तान का फर्जी पासपोर्ट से लेकर हवाला के जरिए पैसा पहुंचाने वालों का पता लगाने में जुटी है। वहीं अब अल्ताफ के पाकिस्तान में बसे परिवार के विषय में अपने सूत्रों से जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। वहीं देश में लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी जांच एजेंसी भी सक्रिय हो गई हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की टीम भी अपने लेवल पर इसकी पड़ताल लगातार कर रही है।
अल्ताफ को जम्मू कश्मीर से कौन भेज रहा पैसे
सूत्रों के मुताबिक एटीएस की जांच में सामने आया है कि अल्ताफ, सैयद गजनफर और नासिर अली की मदद के लिए कश्मीर से हवाला के जरिए रमक मुहैया कराई जा रही थी।
आतंकी गतिविधियों के लिए कौन पैसा दे रहा था और कौन इनको पहुंचा रहा था इसकी पड़ताल के यूपी एटीएस के साथ ही देश की अन्य सुरक्षा एजेंसी ने पड़ताल शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक जम्मू कश्मीर की सुरक्षा इकाई इन लोगों के बयान के आधार पर इसकी पड़ताल के लिए इनके पैतृक निवास के साथ इन से जुड़े लोगों के विषय में पूरी जानकारी हासिल कर आतंकियों से जुड़े लोगों की धरपकड़ में जुट गई है। साथ ही इनके मोबाइल फोन से मिली जानकारी के हिसाब से इनके नेटवर्क से जुड़े लोगों का ब्यौरा जुटा रही है। जिससे इनके रामनवमी और लोकसभा चुनाव में इनकी क्या मंशा थी पता कर सके।
एटीएस ने तीन अप्रैल को भारत नेपाल सीमा से पाकिस्तान के रावलपिंडी निवासी मो. अल्ताफ भट और इस्लामाबाद के सैयद गजनफर के साथ जम्मू-कश्मीर के नासिर अली को पकड़ा था। जिसमें अल्ताफ भट और सैयद गजनर के फर्जी पाकिस्तानी पासपोर्ट, आधार और मोबाइल मिले थे। जिसकी मदद से यह लोग दुबई से हवाई जहाज से नेपाल पहुंचे थे। इनके पास से दो एयर टिकट भी मिले थे।
अल्ताफ का कहना है कि उनका आतंकी संगठन ने वाट्सएप कॉल के माध्यम से ताहिर नाम के युवक से बात कराई थी। उसने ही उनको हवाला के जरिए पैसे मुहैया कराकर टिकट और भारत लाने की व्यवस्था की थी। उसके कहने पर ही सैयर गजनफर के साथ नेपाल आया था। जहां उसका भांजा नासिर अली की मदद से नेपाल सीमा से भारत आना था।
नासिर से 7 बैंकों के कार्ड बरामद हुए। जो HDFC, ICICI और J&K बैंकों के हैं। नासिर अली के नाम से बने इन कार्ड के लेनदेन का ब्यौरा भी एटीएस जुटा रही है। नासिर ने यह भी बताया कि उसको वाट्सएप कॉल से पाकिस्तानी आकाओं द्वारा दिशा-निर्देश मिल रहे थे।

ATS ने 3 मार्च 2024 को नेपाल सीमा से हिजबुल मुजाहिदीन और आईएसआई से जुड़े मो. अल्ताफ, सैयद गजनफर और नासिर अली को गिरफ्तार किया था। यह लोग महराजगंज जिले में नेपाल बॉर्डर के पास शेख फरेंदा गांव के रास्ते से प्रदेश में घुसने की कोशिश कर रहे थे। अल्ताफ के पास से ATS को एयरटेल का सिम, एक 4G मोबाइल, पाकिस्तानी पहचान पत्र, भारतीय आधार कार्ड और 2029 तक वैलिड पाकिस्तानी पासपोर्ट मिले थे।
सैयद गजनफर के पास से 2029 तक वैध पाकिस्तानी पासपोर्ट, भारतीय आधार कार्ड , पाकिस्तानी ड्राइविंग लाइसेंस और पाकिस्तानी पहचान पत्र बरामद हुआ था। ATS ने इन तीनों पर IPC की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120- B और 121- A के अलावा विदेशी अधिनियम की धारा 14 व विधि विरुद्ध क्रियाकलाप की धारा 38, 18, 13 के तहत कार्रवाई की है।