अयोध्या गैंगरेप पीड़िता का KGMU में किया गया अबॉर्शन: DNA सैंपल भी लिए; डॉक्टरों ने कहा था- 12 साल की बच्ची का शरीर डिलीवरी लायक नहीं

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अयोध्या गैंगरेप पीड़ित बच्ची का मंगलवार को लखनऊ के KGMU में अबॉर्शन कराया गया। उसे सोमवार को अयोध्या से लाकर KGMU के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) में भर्ती कराया गया था। पीड़िता की हालत स्थिर है। एक हफ्ते वह डॉक्टरों की निगरानी में रहेगी|

दैनिक भास्कर के मुताबिक मंगलवार दोपहर 12 साल की पीड़िता का गर्भपात कराया गया। वह 3 हफ्ते की प्रेग्नेंट थी। परिवार ने अबॉर्शन की सहमति दी थी। इसकी रिपोर्ट बाल कल्याण समिति की तरफ से नियुक्त सहायक ने समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी को सौंपी थी। इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा था कि पीड़िता का शरीर डिलीवरी लायक नहीं है।

डीएनए जांच के लिए सैंपल भी लिए गए। पुलिस ने आरोपियों की भी डीएनए जांच कराने का निर्णय लिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डीएनए जांच कराए जाने की मांग की थी।

KGMU ने गोपनीयता का दिया हवाला
पीड़िता के अबॉर्शन की पुष्टि केजीएमयू प्रशासन ने नहीं की है। प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह की तरफ से जारी किए गए स्टेटमेंट में कहा गया कि अयोध्या से आई किशोरी की हालत फिलहाल स्थिर है। चिकित्सा विश्वविद्यालय अपने सभी रोगियों की गोपनीयता का सम्मान करता है। यही कारण है कि इलाज के दौरान की जाने वाली जांच और अन्य जानकारी साझा नहीं की जा सकती।

क्या है अयोध्या गैंगरेप का पूरा मामला
अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र में 12 साल की बच्ची से रेप की घटना हुई थी। आरोपियों ने बच्ची का अश्लील वीडियो बना लिया। फिर लंबे समय तक उसे ब्लैकमेल करके घिनौनी हरकत करते रहे। इस मामले का खुलासा 29 जुलाई को तब हुआ जब पीड़ित बच्ची ढाई महीने की गर्भवती हो गई।

बच्ची की मां ने मोईद खान और उनके नौकर राजू के खिलाफ एप्लिकेशन दी। आरोप है कि पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसके बाद विहिप, बजरंग दल के साथ निषाद पार्टी के लोगों ने इस मामले पर आक्रोश जताया तो पुलिस ने मोईद खान और उसके नौकर को गिरफ्तार किया।

12 वर्षीय बच्ची 4 बहनों में सबसे छोटी है। पिता की 2 साल पहले ही मौत हो गई है। घर का गुजारा उसकी मां और बहनों की ओर मजदूरी से मिले पैसे से चलता है। आरोप है कि लगभग ढाई महीने पहले पीड़िता खेत से मजदूरी करके लौट रही थी। तभी रास्ते में उसे राजू नामक एक शख्स मिला जिसने कहा कि बेकरी मालिक मोईद खान उसे बुला रहा है।

आरोप है कि मोईद ने उसके साथ बलात्कार किया और राजू ने इसका वीडियो बना लिया। फिर राजू ने भी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। लंबे समय तक दोनों वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करके उसके साथ गंदा काम करते रहे।

गर्भवती होने पर घरवालों को पता चला
बच्ची जब गर्भवती हो गई तब मामला खुला। पीड़िता की मां ने बताया- जब हम शिकायत लेकर चौकी पर गए तो दरोगा ने हमसे कहा कि राजू का नाम रखिए, लेकिन दूसरा नाम हटा दीजिए। फिर एसपी के दखल के बाद हमारा मामला लिखा गया।

मामले में तब तूल पकड़ने लगा, जब हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए। 30 जुलाई को मोईद खान की गिरफ्तारी की गई। इसके बाद से लगातार उसके ऊपर कार्रवाई हो रही है।

मामला विधानसभा में गूंजा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सदन में इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी को घेरा। आरोपी सपा नेता अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद का करीबी बताया जा रहा है। लड़की को इलाज के लिए पहले अयोध्या जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिर वहां से लखनऊ के केजीएमयू के क्वीन मैरी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया।

बीकापुर से भाजपा विधायक अमित सिंह ने पीड़िता की मां को सीएम योगी से मिलवाया था। सरकार का एक प्रतिनिधि मंडल पीड़िता से मिलने अयोध्या गया था।

अयोध्या गैंगरेप

भदरसा दंगे में आया था मोईद का नाम
दरअसल, भदरसा में 2012 में दंगा हुआ था, तत्कालीन नगर पंचायत चेयरमैन मोहम्मद अहमद दंगा भड़काने का मुख्य आरोपी थे। उन पर मिट्टी का तेल बंटवाकर दंगे को भड़काने का आरोप था। वर्तमान समय में चेयरमैन मोहम्मद अहमद पुत्र मो रासिद चेयरमैन हैं।

इस केस में मोईद खान भी आरोपी रहा था। लोगों का कहना है कि सपा सरकार थी, इसलिए मोईद को फायदा मिला और केस रफा-दफा हो गया।

अखिलेश ने कहा- भाजपा की नियत साफ नहीं, डीएनए टेस्ट कराया जाए
अयोध्या गैंगरेप पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा, बलात्कार पीड़िता के लिए सरकार अच्छे से अच्छा इलाज व्यवस्था कराए। बच्ची के जीवन की रक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। अदालत से आग्रह है कि स्वतः संज्ञान लेकर स्थिति की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए अपने पर्यवेक्षण में पीड़िता की हर संभव सुरक्षा सुनिश्चित करवाएं। बदनीयत लोगों का इस तरह की घटनाओं का राजनीतिकरण करने का मंसूबा कभी कामयाब नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा, इस कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है, उनका डीएनए टेस्ट कराकर इंसाफ का रास्ता निकाला जाए, न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो उसे कानून के हिसाब से पूरी सजा दी जाए, लेकिन अगर आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यही न्याय की मांग है।

इस दुखद घटना पर भाजपा घटिया राजनीति करने से बाज आए। आखिर भाजपा की नियत साफ क्यों नहीं रहती है? भाजपा पीड़ित को न्याय दिलाने की जगह षडयंत्र और साजिश के तहत समाजवादी पार्टी को बदनाम करने में लगी है। भाजपा की इसी कुत्सित मानसिकता के कारण राज्य की कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। परिणाम स्वरूप अपराध बढ़ते जा रहे हैं।

भाजपा फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा की हार पचा नहीं पा रही है। भाजपा ने अयोध्या में पिछले सात सालों में जो भ्रष्टाचार व जमीनों की लूट की है, अयोध्या और प्रदेश की जनता ने उसे उसी की सजा दी है। लोकसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा बौखलाई हुई है। घटना कहीं भी हो बिना जांच पड़ताल के समाजवादी पार्टी को बदनाम करने की नीयत से आरोप लगाना राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है।

अयोध्या गैंगरेप…क्या 12 साल की पीड़िता बच्चे को जन्म देगी?:मां से पूछती है- मेरे पेट में बच्चा है, डॉक्टर बोले- शरीर डिलीवरी लायक नहीं

वह केवल 12 साल की है, गैंगरेप, प्रेग्नेंसी और अबॉर्शन जैसे शब्दों को नहीं जानती। गायनिक वार्ड में भर्ती गर्भवती महिलाओं को देखकर वह और सहम जाती है। कभी-कभी मां से पूछती है कि इनके पेट इतने बड़े कैसे हो गए? उन महिलाओं के हाव-भाव और दर्द देखकर उसके चेहरे पर तनाव दिखने लगता है।

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